


Cheque Bounce क्या होता है? (Complete Guide in Hindi)
आज के समय में Cheque Bounce Case भारत का सबसे ज़्यादा होने वाला आर्थिक अपराध है। हर महीने लाखों चेक बाउंस होते हैं, जिससे न सिर्फ़ लेन-देन रुकता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी शुरू हो जाती है। अगर आप बिज़नेस करते हैं, फ्रीलांसर हैं, सेलरीड कर्मचारी हैं, या किसी से उधार दिया है — यह लेख आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इस ब्लॉग में हम सरल भाषा में समझेंगे कि Cheque Bounce क्या होता है, इसके कारण क्या हैं, और कब यह अपराध माना जाता है।
🔍 Cheque Bounce का मतलब क्या है?
जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान करने के लिए चेक देता है, और बैंक उसे पेमेन्ट करने से मना कर दे, तो इसे Cheque Bounce या Cheque Dishonour कहते हैं।
बैंक चेक पास न करने के कई कारण दे सकता है — जैसे:
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Insufficient Funds (खाते में पैसे नहीं)
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Signature Mismatch (हस्ताक्षर मेल न खाना)
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Stop Payment Instruction
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Cheque Outdated / Stale
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Overwriting या Damage
लेकिन हर स्थिति में कानूनी केस नहीं बनता — केवल वही Cheque Bounce अपराध माना जाता है जो “क़ानूनी देनदारी (Legally Enforceable Debt)” से जुड़ा हो।
⚖️ Cheque Bounce कानून: Section 138 NI Act
भारत में Cheque Bounce को Negotiable Instruments Act, 1881 की Section 138 के तहत अपराध माना गया है।
Section 138 के तहत अपराध तभी माना जाएगा जब:
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चेक किसी कानूनी देनदारी (Debt / Liability) के लिए दिया गया हो
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चेक बैंक में वैध अवधि (3 महीने) के भीतर जमा किया गया हो
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बैंक ने लिखित रूप में (Bank Return Memo) चेक बाउंस होने का कारण बताया हो
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चेक धारक ने 30 दिनों के अंदर Legal Notice भेजा हो
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Notice मिलने के 15 दिनों तक भुगतान न किया गया हो
अगर ये सभी शर्तें पूरी हो जाती हैं, तब Cheque Bounce Criminal Offence बन जाता है और अदालत में केस चल सकता है।
❗ Cheque Bounce क्यों होता है? (Top 7 Reasons)
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खाते में पर्याप्त पैसे नहीं
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गलत या मिलान न होने वाला Signature
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Stop Payment
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Cheque में कटिंग या गलती
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बैंक द्वारा संदेहपूर्ण एंट्री
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Post-Dated Cheque समय से पहले जमा करना
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चेक की वैध अवधि खत्म होना
🧾 Cheque Bounce में क्या सज़ा हो सकती है?
Section 138 के तहत:
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2 साल तक की सज़ा, या
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Cheque Amount का दोगुना (Double) जुर्माना, या
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दोनों
कई मामलों में कोर्ट आरोपी को Compensation (मुआवज़ा) देने का आदेश भी देती है।
🚀 Cheque Bounce Notice क्यों ज़रूरी है?
Case तभी maintainable है जब आप:
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बैंक मेमो मिलने के 30 दिनों के अंदर Notice भेजें
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Notice मिलने के बाद सामने वाला 15 दिनों में भुगतान न करे
अगर आरोपी 15 दिनों में भुगतान कर देता है — केस नहीं बनता!
🧑⚖️ Advocate Assistance (Contact for Legal Help)
Cheque Bounce का केस तकनीकी होता है। गलत स्टेप लेने से केस खारिज भी हो सकता है।
अगर आपको Legal Notice, Complaint Drafting, या Court Case में सहायता चाहिए:
Adv. Anurag Gupta
📞 Mobile: 8240642015
💬 WhatsApp: 8931942803
📧 Email: gripshawlaw2005@gmail.com
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