तलाक के बाद गुजारा भत्ता कौन पा सकता है? | Maintenance Complete Legal Guide in Hindi

 

💰 तलाक के बाद गुजारा भत्ता (Maintenance) कौन और कैसे पा सकता है? – पूरी जानकारी हिंदी में

भारत में तलाक सिर्फ एक रिश्ते का समाप्त होना नहीं है, बल्कि इसके साथ कई कानूनी अधिकार और आर्थिक ज़िम्मेदारियाँ भी जुड़ी होती हैं। इन अधिकारों में सबसे महत्वपूर्ण है — गुजारा भत्ता (Maintenance/Alimony)
बहुत से लोग इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं कि तलाक के बाद Maintenance किसे मिलता है, कैसे मिलता है, कितनी राशि मिल सकती है और कोर्ट किन आधारों पर निर्णय लेता है।

यह ब्लॉग आपको गुजारा भत्ता से जुड़ी हर कानूनी जानकारी सरल भाषा में समझाएगा।


🔹 1. गुजारा भत्ता (Maintenance) क्या है?

गुजारा भत्ता मतलब –

पति या पत्नी में से आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को कानून द्वारा दिया गया आर्थिक सहयोग।

इसका उद्देश्य है कि जिस साथी की आय कम है या बिल्कुल नहीं है, उसे सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए आर्थिक सहायता मिले।

गुजारा भत्ता दो तरह का हो सकता है:

  1. Interim Maintenance (अस्थायी गुजारा भत्ता)

  2. Permanent Alimony (स्थायी गुजारा भत्ता)

🔹 2. Maintenance के लिए कानूनी प्रावधान

भारत में Maintenance कई अलग-अलग कानूनों के तहत दिया जा सकता है:

1️⃣ Section 125 CrPC

– पत्नी, बच्चे और माता-पिता Maintenance मांग सकते हैं।
– सबसे तेज़ और प्रभावी Remedy मानी जाती है।

2️⃣ Hindu Marriage Act, 1955 (HMA – Section 24 & 25)

– पति और पत्नी दोनों Maintenance मांग सकते हैं।
– तलाक के बाद स्थायी भरण-पोषण भी यहीं से मिलता है।

3️⃣ Protection of Women from Domestic Violence Act (DV Act, 2005)

– पीड़िता (महिला) Monthly Maintenance मांग सकती है।

4️⃣ Special Marriage Act

– विशेष विवाह के तहत भी Maintenance उपलब्ध है।

5️⃣ Hindu Adoption & Maintenance Act, 1956

– पत्नी को जीवनभर Maintenance का अधिकार।

🔹 3. कौन Maintenance मांग सकता है?

1️⃣ पत्नी

सबसे सामान्य दावा पत्नी द्वारा किया जाता है, अगर—

  • उसकी अपनी आय पर्याप्त नहीं है

  • पति की आय उससे ज्यादा है

  • वह आर्थिक रूप से पति पर निर्भर थी

2️⃣ पति

हाँ, कानून के अनुसार पति भी Maintenance मांग सकता है, अगर—

  • पत्नी की आय उससे काफी अधिक है

  • पति शारीरिक रूप से असमर्थ है

  • उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है

3️⃣ बच्चे

नाबालिग बच्चे हमेशा Maintenance मांग सकते हैं।
बच्चे अनिवार्य रूप से पिता या सक्षम माता से Maintenance के पात्र होते हैं।

4️⃣ माता-पिता

बुजुर्ग माता-पिता अपने बेटे/बेटी से Maintenance मांग सकते हैं।

🔹 4. Maintenance कितना मिल सकता है?

कोई फिक्स राशि तय नहीं है।
कोर्ट निम्नलिखित बातों को देखकर Maintenance तय करता है:

✔ पति/पत्नी की आय

✔ जीवन स्तर (Standard of Living)

✔ नौकरी या व्यवसाय

✔ स्वास्थ्य स्थिति

✔ बच्चों की ज़रूरतें

✔ लोन या वित्तीय जिम्मेदारियाँ

✔ संपत्ति और स्टेटस

⚖️ आमतौर पर Maintenance पति की कुल आय का 20% से 40% के बीच होता है — पर यह Case-to-Case बदल जाता है।

🔹 5. Maintenance के प्रकार — विस्तार से

1️⃣ Interim Maintenance (अंतरिम/अस्थायी गुजारा भत्ता)

यह तलाक केस चलने के दौरान दिया जाता है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर पक्ष अपना खर्च चला सके।

2️⃣ Permanent Alimony (स्थायी गुजारा भत्ता)

तलाक के बाद एकमुश्त (Lump-Sum) या मासिक (Monthly) राशि दी जाती है।

3️⃣ Child Support (बच्चों का भरण-पोषण)

बच्चे किसी भी हालत में Maintenance के हकदार होते हैं।

🔹 6. Maintenance कैसे माँगा जाता है? (Step-by-Step Process)

🔸 Step 1 – Petition दाखिल करें

सबसे पहले Family Court या Magistrate Court में याचिका दी जाती है।

🔸 Step 2 – पति/पत्नी की आय का खुलासा (Income Affidavit)

कोर्ट दोनों पक्षों से आय और खर्च का पूरा ब्यौरा मांगता है।

🔸 Step 3 – सुनवाई (Hearing)

कोर्ट यह देखता है कि किसे सहायता की आवश्यकता है और कितना जरूरी है।

🔸 Step 4 – आदेश (Order)

कोर्ट Maintenance तय करके आदेश जारी कर देता है।

🔸 Step 5 – आदेश का पालन

अगर पति/पत्नी आदेश का पालन नहीं करता तो—

  • बैंक से Recovery

  • वेतन से कटौती

  • अरेस्ट वारंट
    भी जारी किया जा सकता है।

🔹 7. Maintenance कब नहीं मिलता है?

कुछ परिस्थितियों में Maintenance का अधिकार समाप्त हो जाता है—

  • पत्नी ने बिना कारण पति को छोड़ा हो

  • पत्नी व्यभिचार (Adultery) कर रही हो

  • पत्नी अपनी आय से खुद का खर्च चला सकती हो

  • कोर्ट ने दोनों के बीच समझौते में साफ किया हो कि Maintenance नहीं मिलेगा

  • पत्नी ने दोबारा शादी कर ली हो (Permanent Alimony रुक जाती है)

🔹 8. Maintenance के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है?

  • पहचान प्रमाण (Aadhar, PAN)

  • विवाह प्रमाण पत्र

  • आय प्रमाण (Salary Slip, ITR, Bank Statement)

  • खर्चों की सूची

  • मेडिकल बिल (यदि स्वास्थ्य समस्या है)

  • बच्चों के स्कूल/मेडिकल खर्च

  • पति-पत्नी की फोटो

🔹 9. Maintenance मिलने में कितना समय लगता है?

  • Interim Maintenance: 1–3 महीने

  • Final Maintenance: 6–18 महीने
    समय केस की जटिलता और कोर्ट पर निर्भर करता है।

🔹 10. Maintenance पुरुष भी कैसे मांग सकता है?

भारत में अक्सर लोग सोचते हैं कि Maintenance सिर्फ महिलाओं को मिलता है, लेकिन यह गलत है।

पुरुष Maintenance मांग सकता है यदि—

  • पत्नी अच्छी नौकरी करती हो

  • पति शारीरिक रूप से काम करने में असमर्थ हो

  • पत्नी की आय बहुत अधिक हो

  • पति की कोई आय न हो

कानून दोनों को बराबर अधिकार देता है।

🔹 11. Maintenance पर कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले (Supreme Court Observations)

  • पति की वास्तविक आय को ही आधार माना जाए।

  • पत्नी को “सम्मानजनक जीवन” देने जितना Maintenance जरूरी है।

  • पत्नी केवल इसलिए Maintenance नहीं खोती कि वह हल्की-फुल्की पार्ट टाइम नौकरी कर रही है।

  • बच्चों का Maintenance सर्वोच्च प्राथमिकता है।

🔹 12. निष्कर्ष (Conclusion)

Maintenance का उद्देश्य किसी एक पक्ष को सज़ा देना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि तलाक के बाद भी दोनों साथी और बच्चे सम्मानजनक जीवन जी सकें
कोर्ट निष्पक्ष रूप से आय, ज़रूरत और सामाजिक स्थिति को देखकर Maintenance तय करता है।

यदि आप Maintenance के हकदार हैं या आप पर गलत तरीके से Maintenance का दावा किया गया है, तो सही कानूनी सलाह आपकी मदद कर सकती है।


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