BNSS में Fast Track Trial और समय-सीमा आधारित न्याय: देर से नहीं, अब समय पर न्याय

BNSS में Fast Track Trial और समय-सीमा आधारित न्याय: देर से नहीं, अब समय पर न्याय

श्रेणी: आपराधिक प्रक्रिया | BNSS Series


✍️ परिचय:

“Justice delayed is justice denied” — ये उक्ति हमारे न्याय तंत्र की सबसे बड़ी चुनौती रही है। वर्षों तक चलने वाले आपराधिक मुकदमों ने आम आदमी का भरोसा कमजोर किया। BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) ने इसे गंभीरता से लेते हुए न्यायिक प्रक्रिया में समय-सीमा तय की है और तेजी से मुकदमा निपटाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।


🕒 Fast Track Trial से जुड़े BNSS के प्रमुख प्रावधान:

  1. समय-सीमा में चार्जशीट दाखिल (धारा 193):
    गिरफ्तारी के 60/90 दिनों के भीतर पुलिस को आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल करना अनिवार्य है।

  2. जांच की अधिकतम सीमा:
    गंभीर मामलों में 90 दिन और सामान्य मामलों में 60 दिन की समय सीमा सुनिश्चित की गई है।

  3. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही और सुनवाई:
    सुनवाई में देरी से बचने के लिए अब गवाह, पुलिस और अभियुक्त की ई-गवाही और ई-सुनवाई को मान्यता दी गई है।

  4. डिजिटल समन और नोटिस:
    अदालत अब ई-समन/ई-नोटिस जारी कर सकती है, जिससे उपस्थिति में देरी न हो।

  5. Fast Track Courts का समर्थन:
    BNSS में Fast Track Courts के संचालन को कानूनी आधार और समर्थन दिया गया है।


📌 BNSS बनाम CrPC – समय-सीमा और गति में फर्क:

विषय CrPC BNSS
जांच की समय-सीमा लचीली 60/90 दिन की बाध्यकारी सीमा
गवाही प्रक्रिया पारंपरिक वीडियो गवाही की व्यापक अनुमति
नोटिस/समन मैनुअल डिजिटली ट्रैक होने वाला समन
Fast Track Courts सीमित प्रक्रियागत समर्थन और डिजिटल सहयोग

🎯 उदाहरण:

  • एक छेड़खानी के मामले में पुलिस ने 45 दिन में चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट ने 3 महीने में केस का निपटारा कर दिया — यह BNSS के समयबद्ध प्रावधानों की देन थी।

  • एक डिजिटल समन के ज़रिए आरोपी को समय पर कोर्ट में पेश किया गया, जिससे सुनवाई टली नहीं।


❗ ध्यान दें:

  • यदि समय-सीमा के अंदर जांच या ट्रायल पूरी नहीं होती है, तो आरोपी को जमानत का अधिकार मिल सकता है।

  • Fast Track Trial का उद्देश्य केवल गति नहीं, बल्कि गुणवत्ता युक्त न्याय देना है।


निष्कर्ष:

BNSS के तहत न्याय प्रणाली अब "धीमी और बोझिल" नहीं बल्कि तेज़, पारदर्शी और टेक्नोलॉजी-समर्थित हो गई है। यह बदलाव न केवल पीड़ित को शीघ्र राहत दिलाएगा, बल्कि आरोपी के अधिकारों की रक्षा भी करेगा।


✉️ संपर्क करें:
क्या आपके केस में अनावश्यक देरी हो रही है? Fast Track Trial के लिए आवेदन करना है? संपर्क करें:
एडवोकेट अनुराग गुप्ता
📱 मोबाइल: 8240642015
📲 व्हाट्सएप: 8931942803
📧 ईमेल: gripshawlaw2005@gmail.com


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