BNSS में जमानत (Bail) के नए नियम: क्या बदला, क्या बेहतर हुआ?
श्रेणी: आपराधिक प्रक्रिया | BNSS Series
✍️ परिचय:
भारतीय न्याय प्रणाली में "जमानत" (Bail) एक ऐसा अधिकार है जो आरोपी की स्वतंत्रता और समाज की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाता है। BNSS ने जमानत की प्रक्रिया को सरल, समयबद्ध और तकनीक-संलग्न बनाते हुए कई नए प्रावधान जोड़े हैं।
🧾 BNSS में जमानत से जुड़े प्रमुख प्रावधान:
1. संज्ञेय और असंज्ञेय अपराधों में स्पष्टता:
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BNSS ने अब अपराधों को साफ-साफ जमानती और गैर-जमानती श्रेणी में वर्गीकृत किया है।
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पहले जहाँ असमंजस होता था, अब स्पष्ट दिशानिर्देश हैं।
2. डिजिटल माध्यम से जमानत आवेदन (धारा 479):
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अब आरोपी ऑनलाइन जमानत आवेदन दाखिल कर सकता है।
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कोर्ट प्रक्रिया में देरी को रोकने हेतु ई-हियरिंग और ई-आदेश की सुविधा।
3. पुलिस द्वारा ज़मानत देना (धारा 480):
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कुछ मामलों में थाना स्तर पर ही जमानत दी जा सकती है, जिससे कोर्ट पर बोझ कम होता है।
4. शर्तों के साथ ज़मानत (Conditional Bail):
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कोर्ट अब स्पष्ट शर्तों के साथ जमानत दे सकता है, जैसे—पासपोर्ट जमा करना, बाहर न जाना आदि।
5. स्वचालित जमानत (Default Bail) – धारा 193:
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यदि समय पर चार्जशीट दाखिल न हो तो आरोपी को स्वतः जमानत का अधिकार मिलता है।
📌 BNSS बनाम CrPC – जमानत व्यवस्था की तुलना:
| विषय | CrPC | BNSS |
|---|---|---|
| ज़मानत की प्रक्रिया | मैनुअल, कागजी | डिजिटल आवेदन व आदेश की सुविधा |
| ज़मानती/गैर-जमानती की स्पष्टता | कुछ अस्पष्टताएँ | स्पष्ट वर्गीकरण व दिशा-निर्देश |
| डिफॉल्ट बेल | सीमित रूप से उपयोग | अब बाध्यकारी नियम और समयबद्ध प्रक्रिया |
| कोर्ट उपस्थिति | अनिवार्य | वीडियो उपस्थिति या ई-शपथ की अनुमति |
🎯 उदाहरण:
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एक महिला पर लगे सामान्य मारपीट के आरोप में थाना स्तर पर ही जमानत दे दी गई, जिससे कोर्ट का समय बचा।
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एक व्यक्ति ने BNSS के तहत ऑनलाइन जमानत याचिका दाखिल की और उसी दिन सुनवाई हो गई।
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पुलिस द्वारा समय से चार्जशीट न देने पर आरोपी को डिफॉल्ट बेल मिली।
❗ ध्यान दें:
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जमानत का मतलब मुक्ति नहीं, सिर्फ अस्थायी रिहाई है।
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शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द की जा सकती है।
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कोर्ट अब जमानत में पीड़ित के अधिकार का भी ध्यान रखता है।
निष्कर्ष:
BNSS में जमानत की प्रक्रिया को आधुनिक, तर्कसंगत और पारदर्शी बनाया गया है। इससे न केवल आरोपी के मौलिक अधिकारों की रक्षा होती है, बल्कि न्याय प्रणाली पर भी बोझ कम होता है।
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