BNSS में डिजिटल साक्ष्य की मान्यता (धारा 63 से 73): तकनीक से न्याय की ओर
श्रेणी: आपराधिक प्रक्रिया | BNSS Series
✍️ परिचय:
आज के डिजिटल युग में अपराधों की प्रकृति भी तकनीकी होती जा रही है — जैसे कि साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, ई-मेल धोखाधड़ी आदि। ऐसे मामलों में डिजिटल सबूत (जैसे चैट, ई-मेल, कॉल रिकॉर्ड, CCTV फुटेज) की कानूनी वैधता बेहद जरूरी होती है। BNSS में धारा 63 से 73 तक डिजिटल साक्ष्य को स्पष्ट और ठोस कानूनी मान्यता दी गई है।
🔍 डिजिटल साक्ष्य क्या है?
डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य वह होता है जो किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से प्राप्त हो, जैसे कि:
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मोबाइल/कंप्यूटर चैट रिकॉर्ड
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कॉल रिकॉर्डिंग
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GPS लोकेशन
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सीसीटीवी फुटेज
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सोशल मीडिया पोस्ट
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बैंक ट्रांजैक्शन डेटा
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ई-मेल्स, वॉट्सऐप मैसेज
📜 BNSS के प्रावधान (धारा 63–73):
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धारा 63:
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वैध साक्ष्य माना जाएगा, बशर्ते वह अस्वाभाविक रूप से छेड़ा न गया हो। -
धारा 65:
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को सेकंडरी साक्ष्य की तरह स्वीकार किया जा सकता है (प्रिंटआउट, स्कैन आदि)। -
धारा 66:
साक्ष्य की सत्यता के लिए डिजिटल प्रमाणपत्र या फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है। -
धारा 68:
जांच एजेंसियों को साक्ष्य डिजिटली प्रस्तुत करने का अधिकार है। -
धारा 73:
न्यायालय किसी व्यक्ति या संस्था को इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रस्तुत करने का आदेश दे सकता है।
📌 BNSS में नया क्या है?
| विषय | CrPC | BNSS |
|---|---|---|
| डिजिटल साक्ष्य | सीमित दिशा-निर्देश | विशेष अध्याय और स्पष्टता (63–73) |
| CCTV / मोबाइल डेटा | अस्पष्ट उपयोग | फॉरेंसिक रूप से सत्यापित साक्ष्य की मान्यता |
| ईमेल / सोशल मीडिया | कोर्ट में स्वीकार्यता जटिल | अब वैध और नियमित स्वीकार्य |
| डिजिटल ट्रायल रिकॉर्डिंग | नहीं | वीडियो रिकॉर्डिंग को साक्ष्य माना गया |
🎯 उदाहरण:
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एक साइबर अपराधी द्वारा भेजे गए ब्लैकमेलिंग ईमेल को कोर्ट में प्रमाणित डिजिटल सबूत के रूप में मान्यता दी गई और सजा सुनाई गई।
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एक हत्या के मामले में CCTV फुटेज को प्राथमिक साक्ष्य मानकर आरोपी को दोषी ठहराया गया।
❗ ध्यान दें:
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डिजिटल साक्ष्य के लिए जरूरी है कि वह छेड़छाड़ रहित, सत्यापित और कानूनी तरीके से प्राप्त हो।
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कोर्ट को यह तय करने का अधिकार है कि कौन-सा डिजिटल साक्ष्य वैध और विश्वसनीय है।
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झूठा या फर्जी डिजिटल साक्ष्य देना दंडनीय अपराध है।
निष्कर्ष:
BNSS ने तकनीक के युग में न्याय को अधिक आधुनिक, तकनीकी और सटीक बनाने के लिए डिजिटल साक्ष्य की स्पष्ट मान्यता दी है। इससे न्यायिक प्रक्रिया और मजबूत, निष्पक्ष और तेज़ बनी है।
✉️ संपर्क करें:
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📧 ईमेल: gripshawlaw2005@gmail.com
क्या अगला ब्लॉग BNSS में पीड़ितों के अधिकार (Victim Rights) या फैसले के बाद अपील व पुनर्विचार की प्रक्रिया पर बनाएं?
Bhut badhiya
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