BNSS धारा 35 – गिरफ्तारी की प्रक्रिया और व्यक्ति के अधिकार

 BNSS धारा 35 – गिरफ्तारी की प्रक्रिया और व्यक्ति के अधिकार

श्रेणी: आपराधिक प्रक्रिया | BNSS Series


✍️ परिचय:

गिरफ्तारी का अर्थ होता है किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करना ताकि कानून के तहत उसे अदालत में पेश किया जा सके। BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 35 CrPC की पुरानी धारा 41 की जगह लेकर इस प्रक्रिया को ज्यादा मानवाधिकार-संवेदनशील बनाती है।


📜 धारा 35 – मुख्य प्रावधान:

  1. गैर-जमानती अपराध में गिरफ्तारी:
    जब पुलिस को विश्वास हो कि व्यक्ति ने गंभीर अपराध (जैसे हत्या, बलात्कार) किया है, तो उसे सीधे गिरफ्तार किया जा सकता है।

  2. जमानती अपराध में शर्तें:

    • गिरफ्तारी तभी जब आरोपी से पूछताछ जरूरी हो

    • अपराध दो साल से कम सजा वाला हो तो सीधे नोटिस (धारा 36) जारी किया जाएगा

    • गिरफ्तारी से पहले पुलिस अधिकारी को कारण रिकॉर्ड करने होंगे

  3. महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान:

    • महिला को महिला पुलिस अधिकारी ही गिरफ्तार कर सकती है

    • सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, जब तक मजिस्ट्रेट की अनुमति न हो

  4. गिरफ्तारी के बाद अधिकार:

    • गिरफ्तार व्यक्ति को उसके अधिकार बताए जाने चाहिए

    • उसे एक वकील से संपर्क करने की अनुमति दी जानी चाहिए

    • उसे 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना अनिवार्य है


📌 BNSS बनाम CrPC – क्या नया है?

बिंदु CrPC (धारा 41) BNSS (धारा 35)
गिरफ्तारी की प्रक्रिया पुलिस विवेक कारणों की लिखित आवश्यकता
नोटिस की व्यवस्था सीमित धारा 36 के तहत नोटिस अनिवार्य
महिला अधिकार सामान्य नियम स्पष्ट संवेदनशील नियम

🎯 उदाहरण:

  • अगर किसी व्यक्ति पर ₹10,000 की ठगी का आरोप है, तो पुलिस उसे तुरंत नहीं पकड़ सकती। उसे पहले नोटिस भेजा जाएगा और वह जांच में सहयोग करे तो गिरफ्तारी टाली जा सकती है।

  • यदि आरोपी महिला है, तो गिरफ्तारी के समय महिला पुलिस की उपस्थिति जरूरी है।


❗ ध्यान देने योग्य बातें:

  • झूठे मामलों में गिरफ्तारी के डर से व्यक्ति अग्रिम जमानत (BNSS धारा 484) ले सकता है

  • यदि पुलिस बिना कारण बताए गिरफ्तारी करे, तो वह अधिकारों का उल्लंघन है और आरोपी न्यायिक राहत ले सकता है


निष्कर्ष:

BNSS की धारा 35 गिरफ्तारी को एक संविधान-सम्मत और न्यायसंगत प्रक्रिया बनाती है। अब गिरफ्तारी का मतलब केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि न्याय की जिम्मेदारी बन चुकी है।


✉️ संपर्क करें:
क्या आपको या आपके किसी जानने वाले को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है? तुरंत कानूनी सलाह लें:
एडवोकेट अनुराग गुप्ता
📱 मोबाइल: 8240642015
📲 व्हाट्सएप: 8931942803
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