BNSS धारा 35 – गिरफ्तारी की प्रक्रिया (Procedure of Arrest)

BNSS धारा 35 – गिरफ्तारी की प्रक्रिया (Procedure of Arrest)

श्रेणी: आपराधिक प्रक्रिया | BNSS Series


✍️ परिचय:

गिरफ्तारी, आपराधिक न्याय प्रक्रिया का पहला और सबसे गंभीर कदम होता है। BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता), 2023 की धारा 35 गिरफ्तारी से संबंधित नए नियमों और प्रक्रियाओं को निर्धारित करती है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि गिरफ्तारी का कार्य कानूनी, पारदर्शी और मानवाधिकार-सम्मत हो।


📜 BNSS धारा 35 – मुख्य बिंदु:

  1. किसे गिरफ्तार किया जा सकता है:
    पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को तभी गिरफ्तार कर सकता है जब उसके पास इसके लिए उचित आधार हो – जैसे कि संज्ञेय अपराध की सूचना, फरार होना, या सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका।

  2. महत्वपूर्ण अधिकार:
    गिरफ्तार व्यक्ति को उसके अधिकारों के बारे में बताया जाना आवश्यक है, जैसे:

    • उसे क्यों गिरफ्तार किया गया है

    • वह वकील से संपर्क कर सकता है

    • परिवार को सूचना देना

  3. बिना वारंट गिरफ्तारी (Non-Warrant Arrest):
    पुलिस किसी संज्ञेय अपराध के मामले में बिना वारंट भी गिरफ्तारी कर सकती है, पर इसका लिखित कारण दर्ज करना आवश्यक होगा।

  4. वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल दस्तावेज़:
    गिरफ्तारी की प्रक्रिया को वीडियो रिकॉर्ड किया जा सकता है और सबूत को डिजिटल रूप से दर्ज किया जा सकता है।


⚖️ गिरफ्तारी के बाद क्या होना चाहिए?

  • 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना जरूरी है

  • महिला आरोपी को केवल महिला पुलिसकर्मी ही गिरफ्तार कर सकती है

  • रात्रि 6 बजे के बाद महिलाओं की गिरफ्तारी केवल विशेष परिस्थितियों में ही की जा सकती है


🔍 BNSS की धारा 35 और CrPC की तुलना:

बिंदु CrPC BNSS
प्रक्रिया की पारदर्शिता कम अधिक पारदर्शिता, वीडियो रिकॉर्डिंग
गिरफ्तारी की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन तक सीमित अब पीड़ित और परिवार को सूचित करना अनिवार्य
डिजिटल तकनीक सीमित उपयोग अनिवार्य वीडियो और डिजिटल रिकॉर्ड

🎯 इसका प्रभाव:

  • बिना वजह गिरफ्तारी पर नियंत्रण

  • नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा

  • पुलिस की जवाबदेही में वृद्धि

  • न्यायपालिका के सामने पुख्ता दस्तावेज और डिजिटल सबूत


🧑‍⚖️ अभ्यास में यह कैसा दिखता है? (Practical Insight):

  • अगर किसी को चोरी के शक में गिरफ्तार किया जाता है, तो पुलिस को:

    • लिखित कारण बताना होगा

    • परिवार को सूचना देनी होगी

    • वीडियो रिकॉर्डिंग रखनी होगी

    • 24 घंटे में कोर्ट में पेश करना होगा


निष्कर्ष:

BNSS की धारा 35 आधुनिक गिरफ्तारी प्रक्रिया को कानूनी, पारदर्शी और तकनीक-समर्थ बनाती है। इससे न केवल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होती है, बल्कि पुलिस कार्रवाई में जवाबदेही और प्रमाणिकता भी आती है।


✉️ संपर्क करें:
यदि आपके या आपके जानने वाले के खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हुई है, और आपको कानूनी मदद की आवश्यकता है, तो संपर्क करें:
एडवोकेट अनुराग गुप्ता
📱 मोबाइल: 8240642015
📲 व्हाट्सएप: 8931942803
📧 ईमेल: gripshawlaw2005@gmail.com


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