अनुबंध (Contract) क्या है और इसके प्रकार – व्यापार और व्यक्तिगत जीवन में ज़रूरी कानूनी समझ
📌 अनुबंध (Contract) – हर लेन-देन की कानूनी नींव
हर दिन हम कई प्रकार के अनुबंध करते हैं – चाहे वो किराए का हो, नौकरी का हो या व्यापार से जुड़ा हो। लेकिन क्या हम जानते हैं कि कानूनी रूप से वैध अनुबंध कैसे बनता है?
भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 (Indian Contract Act, 1872) के अनुसार, दो या दो से अधिक पक्षों के बीच जब सहमति से कुछ करने या न करने का वादा किया जाता है, और उसे कानूनी बाध्यता प्राप्त होती है, तो उसे “अनुबंध” कहा जाता है।
🔹 एक वैध अनुबंध के लिए ज़रूरी शर्तें:
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प्रस्ताव (Offer) और स्वीकृति (Acceptance)
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मंशा – कानूनी संबंध स्थापित करने की
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सक्षम पक्ष (Competent parties)
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वैध उद्देश्य (Legal object)
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विचार (Consideration)
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स्वतंत्र सहमति (Free consent)
🔸 अनुबंध के प्रकार:
1. बाह्य अनुबंध (Express Contract):
जो स्पष्ट शब्दों में मौखिक या लिखित रूप में किया गया हो।
2. निहित अनुबंध (Implied Contract):
व्यवहार या परिस्थितियों से जो स्पष्ट होता है, जैसे दुकान से सामान खरीदना।
3. एकतरफा अनुबंध (Unilateral Contract):
जहां एक पक्ष वादा करता है, जैसे इनाम की घोषणा।
4. द्विपक्षीय अनुबंध (Bilateral Contract):
जहां दोनों पक्ष वादा करते हैं और जिम्मेदारी लेते हैं।
5. कानूनी और अवैध अनुबंध:
जो कानून के अनुसार वैध है और जो कानून के विरुद्ध है।
❗ अनुबंध का उल्लंघन (Breach of Contract)
अगर कोई पक्ष अनुबंध के किसी नियम का पालन नहीं करता, तो दूसरा पक्ष कानूनी उपाय के रूप में हर्जाना, आदेश, या विशिष्ट प्रदर्शन की मांग कर सकता है।
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