साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा: कानून क्या कहता है?

साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा: कानून क्या कहता है?

प्रस्तावना

डिजिटल युग में इंटरनेट ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ साइबर अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ा है। ऑनलाइन ठगी, हैकिंग, साइबर बुलीइंग, फर्जी वेबसाइट और डेटा चोरी जैसे अपराध आम होते जा रहे हैं। इनसे निपटने के लिए भारत में कई साइबर कानून और सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। इस लेख में हम साइबर अपराध के प्रकार, कानूनी प्रावधान और डिजिटल सुरक्षा के उपायों की चर्चा करेंगे।

1. साइबर अपराध क्या है?

साइबर अपराध वे गैरकानूनी गतिविधियाँ हैं जो कंप्यूटर, नेटवर्क या इंटरनेट की मदद से की जाती हैं। यह व्यक्ति, संस्था या सरकार के डेटा या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा सकती हैं।

2. साइबर अपराध के प्रमुख प्रकार

  • फिशिंग (Phishing): नकली ईमेल या वेबसाइट के ज़रिए संवेदनशील जानकारी चुराना

  • हैकिंग: किसी सिस्टम या अकाउंट में अवैध रूप से प्रवेश करना

  • साइबर बुलीइंग: इंटरनेट के ज़रिए धमकाना, अपमान करना या परेशान करना

  • डेटा चोरी: किसी व्यक्ति या संस्था की गोपनीय जानकारी चुराना

  • ऑनलाइन फ्रॉड: नकली वेबसाइट, पेमेंट घोटाले, लॉटरी स्कैम आदि

  • पॉर्नोग्राफी या अश्लील सामग्री का प्रसार

3. भारत में लागू साइबर कानून

  1. आईटी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000):

    • साइबर अपराधों से निपटने के लिए यह मुख्य कानून है।

    • धारा 66C – पहचान की चोरी

    • धारा 66D – धोखाधड़ी के लिए ऑनलाइन प्रतिरूपण

    • धारा 67 – अश्लील सामग्री का प्रकाशन/प्रसारण

    • धारा 43A – डेटा सुरक्षा में लापरवाही पर दंड

  2. आईपीसी की धाराएं:

    • धारा 419/420 – धोखाधड़ी

    • धारा 354D – साइबर स्टॉकिंग

4. यदि आप साइबर अपराध का शिकार हों तो क्या करें?

  • नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें

  • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) पर ऑनलाइन शिकायत करें

  • सबूत (स्क्रीनशॉट, मैसेज, लिंक) सुरक्षित रखें

  • तुरंत बैंक/प्लेटफॉर्म को सूचित करें यदि वित्तीय धोखाधड़ी हुई हो

5. डिजिटल सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय

  • मजबूत पासवर्ड रखें और समय-समय पर बदलें

  • संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें

  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें

  • एंटीवायरस और फ़ायरवॉल इंस्टॉल रखें

  • अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट रखें

  • बच्चों को साइबर सेफ्टी की जानकारी दें

6. सरकार की पहल

  • CERT-In: साइबर सुरक्षा की निगरानी और निर्देश जारी करने वाली सरकारी एजेंसी

  • डिजिटल इंडिया के तहत साइबर जागरूकता अभियान

  • स्कूलों और कॉलेजों में साइबर सेफ्टी वर्कशॉप

निष्कर्ष

डिजिटल दुनिया में सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है। जहां एक ओर सरकार साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बना रही है, वहीं नागरिकों को भी सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। तकनीक का उपयोग विवेक से करें, ताकि आप डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रह सकें। 

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