झूठे केस (फर्जी मुकदमों) से कैसे बचें – कानून आपके साथ है
📌 झूठे केस से कैसे निपटें – जानिए अपने कानूनी अधिकार
आज के समय में कई बार देखा गया है कि व्यक्तिगत रंजिश, दबाव या भावनात्मक कारणों से कुछ लोग फर्जी केस (झूठे आरोप) दर्ज करवा देते हैं। लेकिन अगर आप निर्दोष हैं, तो कानून आपके साथ खड़ा है। जरूरी है कि आप अपने अधिकारों को जानें और सही कदम उठाएं।
🔹 सबसे पहले क्या करें?
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घबराएँ नहीं।
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केस की कॉपी लें और उसमें लगाए गए धाराओं का विश्लेषण करें।
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तुरंत किसी अनुभवी वकील से सलाह लें।
🔹 अग्रिम ज़मानत (Anticipatory Bail)
अगर किसी गिरफ्तारी की आशंका है, तो आप कोर्ट में धारा 438 CrPC के तहत अग्रिम जमानत की अर्जी दे सकते हैं।
🔹 सबूत जुटाएँ
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कॉल रिकॉर्डिंग
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मैसेज / व्हाट्सएप चैट
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CCTV फुटेज
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गवाहों के बयान
ये सभी झूठे केस को कमजोर करने में मदद करते हैं।
🔹 मानहानि का केस (Defamation)
अगर साबित हो जाए कि आरोप झूठा था, तो आप मानहानि का केस दायर कर सकते हैं (IPC की धारा 500 के तहत)।
🔹 झूठे केस में सज़ा का प्रावधान
IPC की धारा 182 और 211 के तहत झूठी FIR दर्ज कराने वाले व्यक्ति को भी सज़ा हो सकती है।
📞 अगर आप झूठे केस का शिकार हैं, तो तुरंत संपर्क करें:
👨⚖️ एडवोकेट अनुराग गुप्ता
📱 मोबाइल: 8931942803
📲 व्हाट्सएप: 8240642015
📧 ईमेल: gripshawlaw2005@gmail.com
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