संपत्ति विवादों में कोर्ट प्रक्रिया – जानिए ज़मीन-जायदाद के मामलों में न्याय कैसे मिलता है
📌 संपत्ति विवाद – समझिए कानूनी रास्ता
भारत में संपत्ति विवाद बहुत आम हैं – जैसे ज़मीन का बंटवारा, कब्ज़ा, वसीयत में भ्रम, या खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी। ऐसे मामलों को निपटाने के लिए कोर्ट की प्रक्रिया तय होती है जो कि भारतीय सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) और संपत्ति कानूनों के अंतर्गत आती है।
🔹 संपत्ति विवाद की सामान्य स्थितियाँ:
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वसीयत विवाद – किसी मृत व्यक्ति की संपत्ति को लेकर परिवार में विवाद।
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कब्ज़ा विवाद – ज़मीन या मकान पर जबरन कब्ज़ा।
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बंटवारे का विवाद – संयुक्त संपत्ति का सही तरीके से बंटवारा न होना।
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खरीद-फरोख्त में धोखा – फर्जी दस्तावेज़ या दोहरा रजिस्ट्रेशन।
⚖️ कोर्ट प्रक्रिया कैसे शुरू होती है?
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कानूनी नोटिस भेजें – पहले पक्षकार को सूचना दें कि आप कानूनी कार्रवाई करने वाले हैं।
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सिविल मुकदमा दायर करें – उपयुक्त कोर्ट में दस्तावेज़ और सबूतों के साथ केस दर्ज करें।
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अदालती समन (Summons) – प्रतिवादी पक्ष को कोर्ट बुलाती है।
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जवाब और साक्ष्य – दोनों पक्ष अपनी दलीलें और सबूत पेश करते हैं।
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सुनवाई और निर्णय – गवाही, क्रॉस-एग्जामिनेशन, और अंत में निर्णय।
📌 क्या आप स्टे ऑर्डर ले सकते हैं?
अगर आपको डर है कि आपकी संपत्ति पर कोई अवैध कब्ज़ा कर सकता है, तो आप कोर्ट से स्थगन आदेश (Stay Order) ले सकते हैं।
🧾 ज़रूरी दस्तावेज़:
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रजिस्ट्री की कॉपी
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खतौनी / जमाबंदी
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कब्जे के प्रमाण
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पहचान पत्र
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वसीयत (यदि हो)
📞 संपत्ति विवाद में कानूनी सहायता के लिए संपर्क करें:
👨⚖️ एडवोकेट अनुराग गुप्ता
📱 मोबाइल: 8921942803
📲 व्हाट्सएप: 8240642015
📧 ईमेल: gripshawlaw2005@gmail.com
आपके अधिकारों और संपत्ति की रक्षा हमारा लक्ष्य है।
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