⚖️ धारा 13(1A) हिंदू विवाह अधिनियम – जब पति-पत्नी अलग रह रहे हों
धारा 13(1A) उन मामलों में लागू होती है जहाँ पति या पत्नी एक-दूसरे से एक वर्ष या उससे अधिक समय तक अलग रह रहे हों, और उन्होंने पहले विवाह विच्छेद (judicial separation) या पुनर्स्थापन का आदेश (Restitution of Conjugal Rights) प्राप्त किया हो।
🔍 यह धारा किन हालातों में लागू होती है?
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कोर्ट ने पहले ही दोनों को judicial separation या सहवास बहाली का आदेश दिया हो।
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इसके बाद पति-पत्नी ने 1 वर्ष या उससे अधिक समय तक साथ नहीं रहा।
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अब कोई एक पक्ष तलाक लेना चाहता है।
✅ कौन कर सकता है आवेदन?
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पति या पत्नी, कोई भी पक्ष
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इसके लिए दोष सिद्ध करना जरूरी नहीं होता, केवल 1 वर्ष का अलगाव पर्याप्त है
📜 दो स्थितियाँ जब यह धारा लागू होती है:
| क्रम | स्थिति | व्याख्या |
|---|---|---|
| 1 | Judicial Separation के 1 वर्ष बाद भी साथ न रहना | तब कोई पक्ष तलाक की याचिका दायर कर सकता है |
| 2 | Conjugal Rights की बहाली के आदेश के बाद भी 1 वर्ष तक साथ न रहना | यह दर्शाता है कि वैवाहिक संबंध पूरी तरह से टूट चुके हैं |
🧾 कानूनी प्रक्रिया:
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पहले न्यायिक पृथक्करण या सहवास बहाली की डिक्री होना जरूरी है
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1 वर्ष बाद याचिका दी जा सकती है
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कोर्ट सबूत के आधार पर तलाक का आदेश पारित कर सकती है
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एडवोकेट अनुराग गुप्ता
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