भारतीय राष्ट्रपति: राष्ट्र का प्रमुख और सर्वोच्च पद

 

भारतीय राष्ट्रपति: राष्ट्र का प्रमुख और सर्वोच्च पद

भारतीय गणराज्य की सबसे ऊँची संवैधानिक पदवी राष्ट्रपति (President) की होती है। राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होने के साथ-साथ भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी होते हैं। हालाँकि, भारत में एक संसदीय प्रणाली होने के कारण राष्ट्रपति के पास केवल औपचारिक और सीमित शक्तियाँ होती हैं, लेकिन उनका पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे:
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
राष्ट्रपति की शक्तियाँ और कार्य
महाभियोग प्रक्रिया और राष्ट्रपति की भूमिका


राष्ट्रपति कौन होता है?

📌 राष्ट्रपति भारत का संवैधानिक प्रमुख होता है और कार्यपालिका का प्रमुख माना जाता है।
📌 भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है।
📌 संविधान के अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति पद की स्थापना का उल्लेख है।
📌 राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन वे पुनः चुनाव लड़ सकते हैं।

👉 वर्तमान राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू (2022 से)


राष्ट्रपति की पात्रता (Eligibility for President)

संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार, कोई भी भारतीय नागरिक राष्ट्रपति बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ रखता हो:

नागरिकता: भारत का नागरिक होना चाहिए।
आयु: न्यूनतम 35 वर्ष होनी चाहिए।
योग्यता: लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता होनी चाहिए।
पद न हो: कोई सरकारी पद (सरकारी नौकरी) पर नहीं होना चाहिए।


राष्ट्रपति का चुनाव (Election of President)

राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल (Electoral College) द्वारा किया जाता है, जिसमें शामिल होते हैं:

📌 संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य (लोकसभा + राज्यसभा)
📌 सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (दिल्ली और पुदुचेरी) की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य

👉 महत्वपूर्ण बिंदु:
✅ राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation System) द्वारा होता है।
एकल संक्रमणीय मत पद्धति (Single Transferable Vote System) का उपयोग किया जाता है।
✅ उम्मीदवार को जीतने के लिए 50% से अधिक वैध मतों (Absolute Majority) की आवश्यकता होती है।

👉 अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित है।


राष्ट्रपति की शक्तियाँ और कार्य

1️⃣ कार्यपालिका शक्तियाँ (Executive Powers)

📌 राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं।
📌 सभी कार्यपालिका शक्तियाँ राष्ट्रपति के नाम पर प्रयोग की जाती हैं।
📌 राष्ट्रपति विभिन्न राज्यपालों, मुख्य न्यायाधीशों, राजदूतों और सेना प्रमुखों की नियुक्ति करते हैं।

2️⃣ विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)

📌 संसद का सत्र बुलाना, स्थगित करना और भंग करना।
📌 विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करना।
📌 संयुक्त सत्र बुलाने की शक्ति (अनुच्छेद 108)।
📌 कोई भी विधेयक (Bill) राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कानून नहीं बन सकता।

👉 राष्ट्रपति संसद के सदस्य नहीं होते, लेकिन संसद के अधिवेशन को संबोधित कर सकते हैं।

3️⃣ वित्तीय शक्तियाँ (Financial Powers)

📌 संसद में वार्षिक बजट (Annual Budget) राष्ट्रपति की अनुमति से पेश किया जाता है।
📌 संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक (Money Bill) को राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक होती है।

4️⃣ न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)

📌 राष्ट्रपति को अनुच्छेद 72 के तहत क्षमादान (Pardoning Power) का अधिकार है।
📌 वे किसी व्यक्ति की सजा को माफ, कम या निलंबित कर सकते हैं।
📌 राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।

5️⃣ सैन्य शक्तियाँ (Military Powers)

📌 राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों (Army, Navy, Air Force) के सुप्रीम कमांडर होते हैं।
📌 वे युद्ध या शांति संधि की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन संसद की मंजूरी आवश्यक होती है।

6️⃣ आपातकालीन शक्तियाँ (Emergency Powers - Article 352, 356, 360)

राष्ट्रपति को संविधान के तहत तीन प्रकार के आपातकाल लगाने की शक्ति दी गई है:

📌 राष्ट्रीय आपातकाल (Article 352): यदि देश की सुरक्षा को खतरा हो (युद्ध, बाहरी आक्रमण या आंतरिक विद्रोह)।
📌 राज्य आपातकाल (Article 356): यदि किसी राज्य में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो।
📌 वित्तीय आपातकाल (Article 360): यदि देश में आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न हो।


राष्ट्रपति की क्षमादान शक्तियाँ (Pardoning Powers - Article 72)

राष्ट्रपति को किसी दोषी की सजा माफ करने या कम करने का अधिकार होता है। इसमें पाँच प्रकार के क्षमादान शामिल हैं:

क्षमा (Pardon): पूरी सजा समाप्त कर देना।
परिवर्तन (Commutation): सजा को हल्की सजा में बदल देना।
राहत (Remission): सजा की अवधि को कम कर देना।
स्थगन (Respite): विशेष परिस्थितियों में सजा कम करना।
निलंबन (Reprieve): सजा को अस्थायी रूप से रोक देना।

👉 मृत्युदंड के मामलों में राष्ट्रपति के क्षमादान का विशेष महत्व होता है।


राष्ट्रपति का महाभियोग (Impeachment Process - Article 61)

यदि राष्ट्रपति संविधान का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ महाभियोग (Impeachment) चलाया जा सकता है।

📌 महाभियोग की प्रक्रिया:
1️⃣ राज्यसभा या लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जाता है।
2️⃣ संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है।
3️⃣ यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो राष्ट्रपति पद से हटा दिए जाते हैं।

👉 भारत के किसी भी राष्ट्रपति पर अब तक महाभियोग नहीं चला है।


महत्वपूर्ण अनुच्छेद (Important Articles)

📌 अनुच्छेद 52: भारत में राष्ट्रपति का पद।
📌 अनुच्छेद 53: राष्ट्रपति की कार्यपालिका शक्तियाँ।
📌 अनुच्छेद 54: राष्ट्रपति का चुनाव।
📌 अनुच्छेद 61: राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया।
📌 अनुच्छेद 72: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति।
📌 अनुच्छेद 110: धन विधेयक की परिभाषा।
📌 अनुच्छेद 356: राष्ट्रपति शासन का प्रावधान।


निष्कर्ष

भारतीय राष्ट्रपति का पद सम्मानजनक और महत्वपूर्ण है, लेकिन उनके अधिकांश कार्य मंत्रिपरिषद की सलाह से होते हैं। हालाँकि, वे देश की एकता, अखंडता और संविधान की रक्षा के प्रतीक होते हैं।

📌 "राष्ट्रपति एक व्यक्ति नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की भावना का प्रतीक है।"


📷 भारतीय राष्ट्रपति भवन
Rashtrapati Bhavan

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