भारतीय संसद: लोकतंत्र की रीढ़

 

भारतीय संसद: लोकतंत्र की रीढ़

भारतीय लोकतंत्र "जनता द्वारा, जनता के लिए, और जनता के शासन" की अवधारणा पर आधारित है। इस लोकतांत्रिक प्रणाली को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए भारतीय संसद (Indian Parliament) का गठन किया गया है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे:
भारतीय संसद की संरचना
लोकसभा और राज्यसभा के कार्य
संसद की शक्तियाँ और विशेषताएँ
महत्वपूर्ण संसदीय प्रक्रियाएँ


भारतीय संसद क्या है?

📌 भारतीय संसद देश की विधायिका (Legislature) है, जो कानून बनाने और सरकार की नीतियों की निगरानी करने का कार्य करती है।
📌 यह संविधान के भाग V (अनुच्छेद 79-122) में उल्लिखित है।
📌 संसद का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को संचालित करना और जनता के हित में कानून बनाना है।


भारतीय संसद की संरचना

भारतीय संसद तीन प्रमुख अंगों से मिलकर बनी है:

1️⃣ राष्ट्रपति (President): संसद का अभिन्न अंग, लेकिन इसका प्रत्यक्ष सदस्य नहीं।
2️⃣ लोकसभा (Lok Sabha): इसे निचला सदन (Lower House) कहा जाता है।
3️⃣ राज्यसभा (Rajya Sabha): इसे उच्च सदन (Upper House) कहा जाता है।

👉 संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, संसद में राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा शामिल होते हैं।


लोकसभा (Lok Sabha) – जनता का सदन

📌 लोकसभा को "जनप्रतिनिधियों का सदन" भी कहा जाता है।
📌 इसके सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव (Direct Elections) के माध्यम से चुने जाते हैं।
📌 लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन इसे समय से पहले भंग किया जा सकता है।

लोकसभा की प्रमुख विशेषताएँ

कुल सदस्य: अधिकतम 552 (वर्तमान में 543)
निर्वाचन प्रक्रिया: प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा
लोकसभा अध्यक्ष: सदन का प्रमुख (वर्तमान में ओम बिड़ला)
विशेष शक्ति: धन विधेयक (Money Bill) केवल लोकसभा में पेश किया जाता है।

👉 अनुच्छेद 81 के अनुसार, प्रत्येक राज्य को जनसंख्या के आधार पर लोकसभा में प्रतिनिधित्व दिया जाता है।


राज्यसभा (Rajya Sabha) – राज्यों का सदन

📌 राज्यसभा को "स्थायी सदन" (Permanent House) भी कहा जाता है।
📌 इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव (Indirect Elections) द्वारा चुने जाते हैं।
📌 यह सदन कभी भंग नहीं होता और हर दो साल में ⅓ सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।

राज्यसभा की प्रमुख विशेषताएँ

कुल सदस्य: अधिकतम 250 (वर्तमान में 245)
निर्वाचन प्रक्रिया: राज्य विधानसभा के सदस्य चुनते हैं।
राज्यसभा अध्यक्ष: भारत के उपराष्ट्रपति इस सदन के अध्यक्ष होते हैं।
विशेष शक्ति: अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) से जुड़े कानून बना सकते हैं।

👉 अनुच्छेद 80 के अनुसार, राष्ट्रपति 12 सदस्यों को नामांकित कर सकते हैं, जो कला, विज्ञान, खेल, साहित्य और समाजसेवा में प्रतिष्ठित होते हैं।


लोकसभा और राज्यसभा के बीच अंतर

बेसिस लोकसभा राज्यसभा
चुनाव प्रणाली प्रत्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव
अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष उपराष्ट्रपति
सदस्य संख्या 552 (वर्तमान में 543) 250 (वर्तमान में 245)
कार्यकाल 5 वर्ष स्थायी सदन
धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश होता है राज्यसभा इसमें संशोधन कर सकती है

संसद की शक्तियाँ

भारतीय संसद को संविधान द्वारा विभिन्न शक्तियाँ दी गई हैं:

1️⃣ विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)

📌 संसद देश के लिए नए कानून बनाती है और पुराने कानूनों में संशोधन करती है।
📌 केंद्र सूची (Union List) और समवर्ती सूची (Concurrent List) के विषयों पर कानून बना सकती है।

2️⃣ वित्तीय शक्तियाँ (Financial Powers)

📌 बजट (Budget) संसद द्वारा पारित किया जाता है।
📌 धन विधेयक (Money Bill) केवल लोकसभा में पेश किया जाता है।
📌 संसद कर (Tax) लगाने, खर्च करने और ऋण लेने की शक्ति रखती है।

3️⃣ नियंत्रण और निगरानी (Control and Supervision)

📌 संसद सरकार के कार्यों की निगरानी करती है।
📌 विपक्ष सरकार से प्रश्न पूछ सकता है और उसकी आलोचना कर सकता है।
📌 संसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) ला सकती है।

4️⃣ न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)

📌 राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और न्यायाधीशों के महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया संसद में होती है।

5️⃣ संविधान संशोधन की शक्ति (Power to Amend Constitution)

📌 संसद संविधान में संशोधन (Amendment) कर सकती है।
📌 अनुच्छेद 368 के तहत यह प्रक्रिया की जाती है।


महत्वपूर्ण संसदीय प्रक्रियाएँ

📌 प्रश्नकाल (Question Hour): सरकार से सवाल पूछने का समय।
📌 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव: किसी विशेष मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना।
📌 वोट ऑफ कॉन्फिडेंस: सरकार को सदन का विश्वास प्राप्त है या नहीं, यह साबित करने की प्रक्रिया।
📌 बजट सत्र: सरकार की वार्षिक वित्तीय योजनाओं की समीक्षा और स्वीकृति।
📌 महाभियोग प्रक्रिया: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया।


महत्वपूर्ण संशोधन और घटनाएँ

📌 42वां संशोधन (1976): समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और अखंडता को संविधान में जोड़ा गया।
📌 44वां संशोधन (1978): मौलिक अधिकारों को सुरक्षित किया गया।
📌 73वां और 74वां संशोधन (1992): पंचायती राज और नगर निकायों को संवैधानिक दर्जा मिला।
📌 GST बिल (2017): पूरे देश में एक समान कर प्रणाली लागू की गई।


संसद से जुड़ी चुनौतियाँ

हंगामा और बहिष्कार: संसद की कार्यवाही बाधित होती है।
भ्रष्टाचार और धनबल: चुनावों में पैसे का अत्यधिक प्रयोग।
अपराधीकरण: कई विधायकों और सांसदों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
अधूरी बहस: कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना चर्चा के पारित हो जाते हैं।

सुधार के सुझाव:
🔹 संसद में अनुशासन और जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए कड़े नियम बनाए जाएँ।
🔹 चुनाव प्रणाली में सुधार कर अपराधियों को बाहर किया जाए।
🔹 महत्वपूर्ण विधेयकों पर गहन चर्चा सुनिश्चित की जाए।


निष्कर्ष

भारतीय संसद लोकतंत्र की रीढ़ है। यह सरकार के कार्यों की निगरानी करती है, कानून बनाती है और जनता के अधिकारों की रक्षा करती है। हालाँकि, इसे और प्रभावी बनाने के लिए सुधारों की आवश्यकता है।

📌 "सशक्त संसद, मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।"


📷 भारतीय संसद भवन
Indian Parliament

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