भारतीय संसद: लोकतंत्र का आधार
भारत का लोकतंत्र तीन स्तंभों पर आधारित है – विधायिका (Legislature), कार्यपालिका (Executive) और न्यायपालिका (Judiciary)। इनमें से विधायिका (Legislature) वह संस्था है जो कानून बनाने और सरकार की नीतियों को दिशा देने का कार्य करती है। भारतीय विधायिका को ही संसद (Parliament) कहा जाता है।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि भारतीय संसद क्या है, इसका ढांचा कैसा है, और यह कैसे काम करती है।
भारतीय संसद का परिचय
📌 भारतीय संसद संविधान के अनुच्छेद 79-122 के तहत स्थापित की गई है।
📌 यह कानून बनाने और सरकार की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखने का कार्य करती है।
📌 भारतीय संसद लोकतंत्र की आत्मा मानी जाती है, क्योंकि यही वह मंच है जहाँ जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बैठते हैं और नीतियों का निर्माण करते हैं।
संसद का ढांचा (Structure of Parliament)
भारतीय संसद तीन भागों में विभाजित है:
1️⃣ राष्ट्रपति (President)
- संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है।
- राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना कोई विधेयक (Bill) कानून नहीं बन सकता।
- राष्ट्रपति संसद को भंग (Dissolve) या सत्रावसान (Prorogue) कर सकते हैं।
2️⃣ राज्यसभा (Council of States – Upper House)
- इसे ऊपरी सदन या स्थायी सदन कहा जाता है।
- इसमें कुल 250 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 245 सदस्य हैं।
- इसमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं और बाकी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं।
- हर 2 साल में राज्यसभा के ⅓ सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
3️⃣ लोकसभा (House of the People – Lower House)
- इसे निचला सदन कहा जाता है और इसके सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं।
- इसमें अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 543 सीटें हैं।
- लोकसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है।
- बहुमत प्राप्त दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है।
लोकसभा और राज्यसभा में अंतर
| विशेषता | लोकसभा | राज्यसभा |
|---|---|---|
| सदस्य संख्या | 543 | 245 |
| चुनाव प्रक्रिया | सीधे जनता द्वारा | राज्यों के विधायकों द्वारा |
| कार्यकाल | 5 वर्ष | स्थायी सदन (⅓ सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त) |
| शक्तियाँ | ज्यादा शक्तिशाली, वित्त विधेयक (Budget) पास करने की शक्ति | पुनर्विचार कर सकती है, लेकिन वित्त विधेयक को रोक नहीं सकती |
संसद के प्रमुख कार्य
✅ कानून बनाना – संसद के दोनों सदन मिलकर कानूनों का निर्माण करते हैं।
✅ वित्तीय नियंत्रण – संसद वार्षिक बजट (Annual Budget) पास करती है।
✅ सरकार की निगरानी – संसद में सरकार से सवाल पूछे जा सकते हैं और जवाबदेही तय की जाती है।
✅ संविधान में संशोधन – संसद में संविधान में बदलाव करने की शक्ति होती है।
✅ राष्ट्रपति और अन्य उच्च अधिकारियों का चुनाव – संसद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करती है।
विधेयक से कानून बनने की प्रक्रिया
📌 1. प्रारूपण (Drafting): किसी नए कानून का प्रस्ताव विधेयक (Bill) के रूप में तैयार किया जाता है।
📌 2. सदन में पेश किया जाना (Introduction): विधेयक को लोकसभा या राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
📌 3. बहस और संशोधन (Debate & Amendments): सांसद इस पर चर्चा करते हैं और आवश्यक संशोधन किए जाते हैं।
📌 4. मतदान (Voting): यदि दोनों सदनों में विधेयक पास हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
📌 5. राष्ट्रपति की सहमति (President’s Approval): राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून (Act) बन जाता है।
महत्वपूर्ण संवैधानिक अनुच्छेद
📌 अनुच्छेद 79-122: संसद की शक्तियों और कार्यप्रणाली का विवरण।
📌 अनुच्छेद 80: राज्यसभा की संरचना।
📌 अनुच्छेद 81: लोकसभा की संरचना।
📌 अनुच्छेद 110: वित्त विधेयक (Money Bill) से संबंधित प्रावधान।
📌 अनुच्छेद 368: संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया।
महत्वपूर्ण संसदीय सत्र
भारत की संसद में तीन मुख्य सत्र होते हैं:
🔹 बजट सत्र (Budget Session) – फरवरी से मई
🔹 मानसून सत्र (Monsoon Session) – जुलाई से सितंबर
🔹 शीतकालीन सत्र (Winter Session) – नवंबर से दिसंबर
संसद से जुड़े महत्वपूर्ण मामले और फैसले
📌 केशवानंद भारती केस (1973):
- संसद संविधान की मूल संरचना (Basic Structure) को नहीं बदल सकती।
📌 शाहबानो केस (1985):
- संसद को मुस्लिम महिला (तलाक के बाद भरण-पोषण) अधिनियम बनाने के लिए बाध्य किया गया।
📌 निजता का अधिकार (2017):
- संसद को डेटा सुरक्षा और निजता से जुड़े कानूनों को मजबूत करने की सिफारिश की गई।
चुनौतियाँ और सुधार के उपाय
❌ संसदीय कार्यवाही में बाधा – बहस के बजाय हंगामा ज्यादा होता है।
❌ विधेयकों को जल्दबाजी में पारित करना – बिना गहरी चर्चा के कानून बनाना लोकतंत्र के लिए सही नहीं।
❌ भ्रष्टाचार और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता – राजनीति में स्वच्छता लाने की जरूरत।
❌ महिला प्रतिनिधित्व की कमी – संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए।
✅ सुधार के सुझाव:
🔹 संसदीय प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाया जाए।
🔹 महत्वपूर्ण विधेयकों पर जनता की राय ली जाए।
🔹 महिला आरक्षण बिल को जल्द लागू किया जाए।
🔹 सांसदों की जवाबदेही तय की जाए।
निष्कर्ष
भारतीय संसद लोकतंत्र की आत्मा है, जो देश के शासन को नियंत्रित करती है। यह कानून बनाती है, सरकार पर निगरानी रखती है और जनता के अधिकारों की रक्षा करती है। हालाँकि, इसमें कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है।
📌 "एक मजबूत संसद, एक मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।"
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(भारत का संसद भवन, जहाँ देश के सबसे महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते हैं।)
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